डायरेक्ट मार्केटिंग ने बाजार का एक नया आयाम तो खोला ही जो क्वालिटी या अलग अलग केटेगरी वाले उत्पाद को सीधे ग्राहक तक पहुंचाता नजर आता है। एक तरफ ग्राहक दुकानदार के हाई मार्जिन वाले प्रोडक्ट के कारण परेशान थे, जिसमें दुकानदार को तो कंपनियां हाई मार्जिन देती नजर आती है, मगर ग्राहक को मिलता था एक कम क्वालिटी का सामान जो ग्राहक की अपेक्षा पर कभी खरा नहीं उतरता था। धीरे-धीरे Forever, Amway, ModiCare, Vestige, IMC, RCM जैसे कंपनियों ने बाजार में पैर पसारना शुरू किया, जिन्होंने अलग अलग वित्तीय स्थिति वाले ग्राहक को अपना ग्राहक बनाना चालू किया। धीरे-धीरे स्थिति यहां तक आनी चालू हो गयी, जहां कोरोना में बाजार एक बहुत बड़े घाटे में आ गयी, वहीं ये कंपनियां ग्राहकों तक सीधे पहुंच के कारण फायदे में नजर आने लगी।
इस बीच एक नया ट्रेंड इन कंपनियों से जुड़े लोगों द्वारा नजर आने लगे, जो डायरेक्ट मार्केटिंग के नियमों का साफ उल्लंघन है। अधिक से अधिक फायदे के लिए इनसे जुड़े ऊपरी स्तर के लोग अपनी कमाई बढ़ाने के लिए गलत हथकंडे अपनाने लगे। परिणाम स्वरुप कई प्रोफेशनल जो इसमें कार्य करना भी चाहते थे वो भी पीछे हटने लगते है। कई उच्च स्तर पर कार्यरत्त लोग अपने फायदे के लिए इन कंपनियों के सामान को अति कम दामों पर बाजार में दुकानदारों को बेचना चालू कर दिए। उन्होंने बाजार को कभी न बताया आखिर वो किस कारण से इन सामान को कम दामों पर बाजार में बेच रहे। परिणाम स्वरुप मेहनत तो किसी और का होता लेकिन मजा कोई और लेने चला जाता।
यदि इस कम दाम के जड़ में हम जाए तो पाएंगे कि एक बहुत बड़ा खेल इन कंपनियों के एसोसिएट द्वारा बाजार में चलाया जा रहा। एक तरफ बाजार की बड़ी कंपनियां तो नकली सामान या रेट को लेकर हमेशा जागरूक रहती है जिससे कि बाजार में उनके प्रोडक्ट को लेकर ग्राहक के बीच गलत भावना न फैल पाए, वहीं डायरेक्ट मार्केटिंग की कंपनियां जैसे IMC, Vestige, Amway जैसे कंपनियां अपने एसोसिएट के बारे में किसी प्रकार का वेरिफिकेशन नहीं करती न कोई मार्केट सर्वे करते है कि कोई गलत तरीका बाजार में फायदे कमाने के लिए तो नहीं उठाया जा रहा। कहीं कम दामों में असली के जगह नकली प्रोडक्ट तो नही बेच रहा? आइये जाने इन सब के पीछे की असलियत, आखिर डायरेक्ट मार्केटिंग में समान सिर्फ अपने ID से ही क्यों ले, किसी अन्य जगह या माध्यम से क्यों न ले:
1. जब आप खुद की ID से कोई सामान लेते हो तो नकली समान की गुंजाइश खत्म हो जाती। क्योंकि कंपनी प्रत्येक आउटलेट और डिस्ट्रीब्यूटर पॉइंट के स्टॉक का मेंटेनेंस अपने ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से करती है और उसका बिल आपको दिया जाता है।
2. ऐसे बहुत सारे स्कीम इन कंपनियों द्वारा समय समय से लाया जाता है, जो आपको नहीं दिखाया जाता, ऊपर के एसोसिएट हो सकता है आपसे स्कीम छुपा रहे हो, जैसे Vestige का कंसिस्टेंसी आफर, तो IMC का प्यूरिफायर ऑफर या किसी कंपनी का विदेश प्रवास के आफर।
3. इसके अलावे कंपनी अपने एसोसिएट को अन्य खर्च के लिए अलाउंस, लोन इत्यादि भी बड़े स्तर पर देती है कई बार तो मोटरसाइकिल वगैरह भी दिया जाता है, ऐसे सारे मौके आपके हाथ से इन एसोसिएट के द्वारा आपसे छीना जा रहा।
4. कई बार देश-विदेश भ्रमण का भी मौका इन कंपनियों द्वारा दिया जाता है जिसका न्यूनतम खर्च 20000 प्रति व्यक्ति से चालू होकर लाखों तक में जाता।
5. इसके अलावा कई इंसेंटिव है जो आपके एकाउंट में सीधे तौर पर आपकी कमाई के रूप में आता है।
तो एक बार डायरेक्ट मार्केटिंग के समान को कम दाम में लेने से पहले दस बार सोचे कि आपके पॉकेट को कैसे कुछ एसोसिएट द्वारा चपत लगाई जा रही। मेहनत तो आप करते हो उनके समान को बेचने में लेकिन मलाई वो खा रहे। तो एक बार रेट के चक्कर में न पड़ खुद से इस बिजनस में जुड़े जिससे कोई भी आपको न तो नकली समान दे पाएगा न ही ही आपके हिस्से के स्कीम, भ्रमण, कमाई को छीन पाएगा। तो सीधे तौर पर जुड़े। किसी फर्जी एसोसिएट के चक्कर में न पड़े जो आपको लालच देता हो कि ये समान इतने में दे देगा या उतने में। अपनी मेहनत का फायदा खुद उठाये।