Post: खुदरा क्षेत्र में विदेशी निवेश : क्या हमारे लिए सही में लाभदायक है???

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आज देश के सामने कोयला और अन्य घोटाला जैसे थोरीयम घोटाला को छिपाने के लिए जैसे डीजल, रसोई गैस और विदेशी निवेश का बॉम्ब फोड़ा गया है| बहुत सारे जानकार यह कहने से नहीं चूक रहे इससे रोजगार का अवसर प्रतस्त होगा, मगर आकड़ों के आधार पर नहीं बताना चाहते| उनका कहना है संगठित क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे मगर असंगठित क्षेत्र का क्या होगा इसकी कोई चिंता नहीं| FICCI जो की हमारे देश के बड़े व्यापारियो जैसे टाटा, बिरला वगैरह का प्रतिनिधित्व करती है उसका भी यही कहना है कारण आज के समय में जहाँ हरेक कंपनी के बीच मुनाफा कमाने की होड़ सी लगी है, आज कौन सी कंपनी है जो गरीबों की सुनती हैं, शायद कोई नहीं| जहाँ एक तरफ सरकार कहती हैं की अगले 10 साल में भारत में करोड़ो की तादाद में रोजगार उपलब्ध होगा तो वो भी किस आधार पर ऐसा कह रहे है मालूम नहीं| आज जो सरकार विदेशी निवेश के पीछे है उसी सरकार मे सम्मिलित मनमोहन सिंह जी ने एक समय एनडीए सरकार को विदेशी निवेश के लिए मना भी किया था, मगर मालूम नहीं आज सोनिया गांधी के अमेरिका प्रवास से आते ही क्या हो गया की बिना सहयोगी दलों की सहमति से आज विदेशी निवेश को लागू भी कर गए, जो हमेशा करप्शन जैसे मुद्दे पर सहयोगी दलो के असहयोग की बात करते हैं|

फिर भी आइए देखे हम आम जनता का क्या फायदा है विदेशी निवेश से और दूसरे जो इसे रिफॉर्म का नाम देते है उन्हे क्या फायदा है???
1। जनता को पहला फायदा है समान सस्ते मिलेंगे, यह अल्प-कालीन दृष्टि से देखा जाये तो अच्छा दिखता है| मगर इसके दीर्घ-कालीन दृष्टि से भी देखना जरूरी है| आज सरकार कह रही है की वो प्रतियोगिता के कारण समान सस्ते में बेचेंगे, मगर कौन जानता है, बाद में उनके सामान महंगे हो जाए उदाहरण के लिए मैं पुणे (महाराष्ट्र) की बात करूंगा जहां BIG BAZAAR के दो दुकानों का समान बेचने का तरीका अलग अलग है,  एक तरफ हाई-क्लास सोसाइटी वाले जगह पर वो MRP पर समान बेचते हाई, वही दूसरे जगह डिस्काउंट पर, इन दुकानों में कृषि उत्पाद के मूल्य में भी अच्छा फर्क हैं।
मैं पुणे का एक और उदाहरण लूँगा जिसमे पहले Big BAZAAR ने अपने समान को सस्ते मे बेचना चालू किया नतीजा उसके ग्राहक बढ़ गए और जनरल स्टोर-किराना की ग्राहक कम हो गए| बाद में इस स्टोर ने अपने दामो में धीरे धीरे फर्क लाकर महंगे दरो में बेचना चालू कर दिया, परिणाम स्वरूप ग्राहक को असली दर तो मालूम नहीं वो अब वो महंगे दामो पर अपना सामान खरीद रहे हैं, यहा तक की वो Carrybag का दाम भी अपने पॉकेट से दे रहे|

2। रोजगार बढ़ेगा,दिखने में तो यह रोजगार शब्द बहुत लुभावना लगता है| आखिर हो भी क्यूँ ना, बेरोजगारो की संख्या भारत मे कम थोड़े ही हैं| मगर सरकार को स्व-रोजगार बढ़ाने के जगह यह उपाय ही ज्यादा अच्छा लगता है जिसमे हमारे अधिकतर युवा सेल्समैन ही बन कर रह जाए, क्यूकी मालिकाना हक या उच्च पद तो विदेशिओ के पास ही होंगे ना| चलिये कुछ समय के लिए ये भी मान लिया जाए की बेरोजगारी से बढ़िया कुछ तो सही, तो फिर सरकार जिस संख्या मे रोजगार मतलब 10 सालों मे करोड़ो की बात करती वो कहाँ तक सही है जबकि वाल-मार्ट मे अभी फिलहाल 2,100,000 कर्मचारी है वो भी  3400 रीटेल स्टोर होते हुए| तो क्या भारत जैसे जगह पर यह आसान है की वो 10-15 साल में 20 लाख भी जॉब दे पाएगा (बाकी की संख्या अन्य आने वाले कंपनी पर निर्भर करती है)| यह रोजगार पाने की बात है तो अब रोजगार खत्म होने की बात, वाल मार्ट जैसी कंपनी अपना समान बड़े उत्पादको से खरीदती है जिससे उनका खर्चा कम बैठे, और भारत में अधिकतर किसान छोटे जोत के है| क्या वाल-मार्ट ऐसे किसानो से भी कृषि-उत्पाद खरीदेगी? फिर असंगठित क्षेत्र में सरकार बात करती है फूड-सप्लाइ चेन की, जिसमे वो कहती है की किराना दुकान जैसे असंगठित क्षत्र के लोगो को भी फायदा होगा, यह तो पहली बार सुना है कोई कंपनी इनफ्रास्ट्रक्चर खुद के लिए बनाए और उपयोग किसी और को करने दे|
लिंक: http://walmart1percent.org/top-reasons-the-walton-family-and-walmart-are-not-job-creators/

3। भारत में विदेशी मुद्रा आएगी| सरकार की ये भी बात सही है की देश मे विदेशी मुद्रा आएगी, मगर सरकार पे जिस प्रकार भ्रस्टाचार के आरोप लग रहे है, क्या यह मुमकिन नहीं ये पैसा देश का ही हो जो विदेश में काले धन के रूप में जमा किया गया हो, और उसे वहाँ निवेश कर यहाँ लाने की कोशिश हो| मतलब काले-धन को सफ़ेद में बदलने की प्रक्रिया| फिर क्या यह संभव नहीं, मुद्रा-हस्तांतरण से संबन्धित नियमो जैसे फेमा को अंगूठा दिखाने की कोशिश हो| इस विदेशी मुद्रा के आगमन का बहुत सारे भारत की कंपनीय भी इंतेजार कर रही, कही ये उनके विदेश में कमाए पैसे तो नहीं जो वो नियमों के तहत ला नहीं पा रहे हो?

4। कहा जा रहा है, ये कंपनी इनफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने मे मदद करेगी, मगर किसके लिए? ये सवाल किसी ने नहीं पूछा? पहले तो ये सरकार से कई तरह की छुट लेंगी जैसे जमीन के दाम में, ट्रांसपोर्ट में, बिजली में, ईंधन में इत्यादि फिर उस पर वो अपना व्यापार करेंगी, मतलब आम जनता टैक्स देगी और कंपनी मजे करेंगी|
लिंक: http://www.walmartsubsidywatch.org/
http://www.chauthiduniya.com/2012/09/amended-land-acquisition-bill-black-law-black-straight.html

5। फिर बात आती है Patent की, भारत के कृषि उत्पादो को विदेश मे पैटंट कराने की बात कोई नयी नहीं है, जब ये कंपनी भारत मे आएंगी तो उनका ध्यान यहाँ के ऐसे उत्पाद पर होगा जिसका व्यापारिक मूल्य बहुत ज्यादा होगा, तो ये कंपनी वैसे वस्तु जैसे बीज, पौधे वगैरह का पैटंट भी करवायेंगी, नतीजा भविष्य में इन कंपनी को छोड़ कोई भी उस वस्तु का उत्पादन नहीं कर पाएगा|
 यहाँ तक की भारत मैं सीड-जीन बैंक है जिसमे घोटालो की बात उठती रहती है, कौन जाने भविष्य में यह बैंक इन कंपनी को बेच दिया जाए जो भारत के कर-दाताओ की बदौलत हैऔर बाद में हमारे किसान ही इसका उपयोग ना कर पाये|
लिंक: http://www.chauthiduniya.com/2012/09/india-seed-gene-bank-scam.html

6। हमारे यहा के दुकानों या बिज़नस को 12% के हिसाब से लोन दिया जाता है वही विदेशी कंपनी को 4% की हिसाब से, तो प्रतियोगिता तो यही खत्म हो जाएगी, जब यहाँ के लोकल किराना उनके सामने ना टिक पाएंगे|

कुछ और लिंक:
1। http://www.ideasmakemarket.com/2011/11/why-fdi-in-retail-is-bad-for-india.html
2। http://www.moneylife.in/article/100-fdi-in-retail-in-india-good-or-bad/21733.html
3। http://sanjaykaul.wordpress.com/2011/12/02/10-reasons-why-fdi-in-retail-is-a-bad-idea/
4। http://intellibriefs.blogspot.in/2011/12/why-fdi-in-retail-is-bad-swamys-quote.html
5। http://expertscolumn.com/content/reasons-why-should-we-oppose-fdi-retail-big-no-fdi-retail
6। http://www.indiafdiwatch.org/index.php?id=76
7। http://www.firstpost.com/business/retail-fdi-are-merits-overhyped-145568.html
8। http://rtn.asia/1034_fdi-indian-retail-bad-idea-uni-global-union
9। http://www.ibtl.in/video/6502/walmart-the-high-cost-of-low-prices-full-movie
10। http://www.ibtl.in/video/6501/the-high-cost-of-low-price–why-walmart-stores
11। http://www.pbs.org/wgbh/pages/frontline/shows/walmart/secrets/stats.html

थोरीयम घोटाला
http://www.firstpost.com/india/after-coal-did-india-give-away-thorium-at-pittance-too-441078.html ,
http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2012-06-27/india/32440058_1_thorium-nuclear-reactor-kudankulam,
http://thestatesman.net/index.php?option=com_content&view=article&id=421905&catid=38Special

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