आर्य समाज और उसकी घटती प्रासंगिकता
पिछले 3-4 महीने से भारत में बहुत सारे विवाह हो चुके या हो रहे हैं। यदि एक नजर दौड़ाये तो
पिछले 3-4 महीने से भारत में बहुत सारे विवाह हो चुके या हो रहे हैं। यदि एक नजर दौड़ाये तो
बाबा जी फिर से हाजिर है, वैसे बाबा जी तो घुम्मकड़ किस्म के इंसान है, मगर बहुत दिनों बाद उन्हें
सब्सिडी एक ऐसा शब्द जिसका जिक्र होते ही आँखों के सामने सरकार की विभिन्न योजनायें चलने लगती जिसे गरीबों के
आज कल जहाँ देखो कभी बाबा लोग के चर्चे तो कभी धर्म के तथाकथित ठेकेदारों के, कभी किसी ख़ास बात
आज फेसबुक खोले ऑफिस में बैठा हुआ था, तभी एक फोटो मेरे एक फेसबुकिए मित्र द्वारा शेयर किया हुआ एक
चम्पारण एक ऐसा जगह जो ना जाने कितने मुख में अपनी मिठास बाँटती होगी, चाहे वो वहाँ की जलेबी में
चम्पारण: एक ऐसा शब्द जो खुद में एक स्वप्न है जिसने अपनी धरती पर चाणक्य से लेकर महात्मा गांधी तक
आज कल चम्पारण के बस चालक जो रात में बस चलाते है, उन पर एक नयी तरह की खुमार छायी
आए दिन जब देखो राष्ट्रीय मीडिया में सिर्फ एक ही बात दिखती है: आज एक घोटाले का खुलासा केजरीवालजी करने
19 September 2012, आज हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री जी हमारे जिला में आए थे| मगर नजर शायद कहीं और थी,